ग्रह शांति में नव ग्रह समीदा का उपयोग

 

नव ग्रह समीदा हवन में उपयोग की जाने वाली नौ विभिन्न प्रकार की लकड़ियों या पौधों की टहनियों का एक समूह है, जो नौ ग्रहों में से प्रत्येक का प्रतिनिधित्व करती हैं।"

नमस्ते! "नव ग्रह समीदा" हवन (अग्नि अनुष्ठान) में उपयोग की जाने वाली नौ अलग-अलग प्रकार की लकड़ियों या पौधों की टहनियों का एक समूह है, जो नौ ग्रहों में से प्रत्येक का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन समिधाओं का उपयोग नवग्रहों को प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

प्रत्येक ग्रह के लिए विशिष्ट समीदा निर्धारित है:

 * सूर्य: अर्क (आक)

 * चंद्र: पलाश (ढाक)

 * मंगल: खदिर (कत्था)

 * बुध: अपामार्ग (चिरचिटा)

 * बृहस्पति: पीपल

 * शुक्र: उदुम्बर (गूलर)

 * शनि: शमी (खेजड़ी)

 * राहु: दूर्वा (दूब घास)

 * केतु: कुशा (दर्भ घास)

हवन करते समय, प्रत्येक ग्रह के मंत्र का जाप करते हुए उसकी संबंधित समीदा को अग्नि में अर्पित किया जाता है।

नव ग्रह समीदा का महत्व:

 * माना जाता है कि प्रत्येक समीदा में उस विशेष ग्रह की ऊर्जा होती है।

 * हवन में इन समिधाओं का उपयोग करके, व्यक्ति संबंधित ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है और नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है।

 * यह नवग्रह शांति पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

 * यह ग्रहों के बुरे प्रभावों को शांत करने और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक मानी जाती है।

यदि आप नव ग्रह हवन करने की योजना बना रहे हैं, तो इन विशिष्ट समिधाओं का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी पूजा ग्रहों तक सही रूप में पहुंचे और आपको उनका आशीर्वाद प्राप्त हो।

(ज्योतिषाचार्य पं. हेमवती नन्दन कुकरेती)

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