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बिखोति संक्रांति

बिखोति संक्रांति मुख्य रूप से उत्तराखंड में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे विषुवत संक्रांति या मेष संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है, और यह बैसाख महीने के पहले दिन पड़ता है, जो आमतौर पर अप्रैल के मध्य में होता है। 14 अप्रैल 2025 को भी बिखोति संक्रांति मनाई जाएगी। बिखोति संक्रांति का अर्थ और महत्व:  * यह त्योहार हिंदू सौर नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है।  * यह वसंत ऋतु के आगमन और नई फसल के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है।  * 'बिखोति' शब्द वन्यजीवों से जुड़ा हुआ माना जाता है, और ऐसा माना जाता है कि इस दिन बारिश होने से पौधे बीमारियों से मुक्त रहते हैं और अगली फसल अच्छी होती है।  * यह दिन गंगा नदी और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने और दान-पुण्य करने के लिए शुभ माना जाता है।  * यह त्योहार उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं को दर्शाता है। बिखोति संक्रांति की परंपराएं और अनुष्ठान:  * पवित्र स्नान: लोग नदियों और पवित्र कुंडों में स्नान करते हैं।  * पूजा और दान: मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है और गरीबों को दान दिया जाता है।  * ओढ़ा ...