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अष्टाध्यायी-व्याकरण

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  व्याकरण - पाणिनी की प्रसिद्ध अष्टाध्यायी जिसमें सभी के लिए लौकिक संस्कृत भाषा को स्थिर कर दिया है। अष्टाध्यायी प्राचीन व्याकरणों के प्रयासों के परिणाम है। पाणिनी के महान व्याकरण ग्रंथ के सामने अनेक प्राचीन ग्रंथ अप्रचलित हो गये । इसमें स्वर वैदिकी भी है।

सूर्य जब इस अवस्था में होता है तो देता सबसे अधिक शुभ फल

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Shubh muhurt vadhu Pravesh Ghar Mein. वधू प्रवेश शुभ मूहुर्त.

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प्रिय पाठकों,                नमस्कार! इस लेख में आप जान पाएंगे कि विवाह के बाद दुल्हन का पुन: ससुराल में गृहप्रवेश के लिए दिन, तिथी तथा शुभ वार कब होता ? तथा उसका महत्व क्या है?       जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में जन्म से लेकर और मृत्यु पर्यंत मुख्ता 16 प्रकार की संस्कार होते हैं तथा अप संस्कार भी कुछ होते हैं जो तिथि, वार, नक्षत्र के आधार पर मुख्य संस्कार को विधिवत्त संपन्न करने के लिए किये जाते है।           इसलिए आज मैं विवाह से संबंधित एक महत्वपूर्ण संस्कार के बारे में चर्चा करूंगा की जब विवाह विधिवत्त रूप से संपन्न हो जाता है तथा दुल्हन वापस एक दिन के पश्चात अपने पिता के घर में आ जाती है,  और फिर तिथि, वार, नक्षत्र के आधार पर निर्णय लिया जाता है कि कब किस तिथि को, किस वार को या कितने दिन पश्चात दुल्हन पुनः अपने ससुराल में जाएगी तो यह एक उप संस्कार होता है और इसको आप वधू प्रवेश या पिता के घर से ससुराल में जाने की दिन को द्विरागमन या रस्म रिवाज के आधार पर प्रत्येक क्षेत्र में अलग-अल...