अष्टाध्यायी-व्याकरण

 


व्याकरण- पाणिनी की प्रसिद्ध अष्टाध्यायी जिसमें सभी के लिए लौकिक संस्कृत भाषा को स्थिर कर दिया है। अष्टाध्यायी प्राचीन व्याकरणों के प्रयासों के परिणाम है। पाणिनी के महान व्याकरण ग्रंथ के सामने अनेक प्राचीन ग्रंथ अप्रचलित हो गये । इसमें स्वर वैदिकी भी है।

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